 महामुनि महावीर ने दीक्षा के बाद बेला के उपवास के पश्चात प्रथम आहार कूल नगर के राजा कूल के घर में लिया था , तब राजा कूल के घर में देवों ने पुष्प - रत्न आदि पंचाश्चर्यों की वर्षा की थी।
        महामुनि महावीर ने दीक्षा के बाद बेला के उपवास के पश्चात प्रथम आहार कूल नगर के राजा कूल के घर में लिया था , तब राजा कूल के घर में देवों ने पुष्प - रत्न आदि पंचाश्चर्यों की वर्षा की थी। बंधुओं! यहाँ आपको ध्यान देना है कि तीर्थंकर जन्म लेने के बाद मनुष्य लोक का भोजन नहीं ग्रहण करते हैं, वे दीक्षा के बाद ही मनुष्यों के घर में नवधाभक्तिपूर्वक आहार लेते हैं ।
आर्यिका चंदनामती
 

