महानुभावों! भगवान् महावीर तीस वर्ष की आयु में वैराग्य भाव धारण कर कुण्डलपुर के मनोहर वन में जाकर दीक्षा धारण कर ली थी, वे शाल वृक्ष के ध्यानलीन हो गए । इन्द्र उनके समक्ष किंकर बन कर सदैव खड़ा रहता था।
आर्यिका चंदनामती
Monday, August 2, 2010
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