एक बार बालक वर्धमान अपने महल के बगीचे में मित्रों के साथ खेल रहे थे , तभी वहां पर एक सर्प आ गया। सभी बच्चे डर कर भागने लगे तब वर्धमान ने सर्प के फ़न पर चढ़ कर उसे पराजित कर दिया। वह सर्प एक देवता था ,अतः उसने अपना रूप प्रगट करके उनका नाम महावीर रख दिया ।
आर्यिका चंदनामती
No comments:
Post a Comment