परम अहिंसा धर्म को, जो धारें धर प्रीति।
आत्यंतिक सुख शान्ति ले,यही जिनागम रीति॥
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
Wednesday, October 28, 2009
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