भगवान् महावीर जब सिंह की पर्याय में थे,तब मुनिराज ने उनको संबोधन प्रदान कर मांसाहार का त्याग कराया । उसने अनुव्रतों का पालन करके संन्यास मरण किया और मर कर स्वर्ग में देव हो गया। यहाँ से उसके जीवन का उत्थान प्रारम्भ हो गया।
--आर्यिका चंदनामती
जम्बुद्वीप-हस्तिनापुर
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