तीर्थंकर श्री ऋषभ देव महावीर प्रभु को करुँ नमन।
उनके पथ पर चलने वाले ,श्री गुरुओं को भी वंदन॥
ब्राम्ही से चंदनबाला तक ,गणिनी माताओं को नमन।
उनकी प्रतिकृति ज्ञानमती जी,स्वीकारो मेरा वंदन॥ १॥
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर ,भारत
Thursday, November 12, 2009
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