जीवन्धर कुमार नामके एक राजकुमार ने मरते हुए कुत्ते को णमोकार मंत्र सुनाया था। जिसके फलस्वरूप वह कुत्ता मर कर देव बन गया, पुनः वहाँ से आकर उसने जीवन्धर कुमार को नमस्कार किया और सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहा
एसो पञ्च नमस्कारो, सव्व पावप्पनासनो।
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइं मंगलं॥
अर्थात यह णमोकार मन्त्र सभी पापों का नाश करने वाला है, और सभी मंगलों में पहला मंगल है।
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
Wednesday, November 18, 2009
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