महानुभावों! आप भगवान् महावीर के बारे में पढ़ रहे हैं, अच्युत स्वर्ग के इन्द्र मध्य लोक में जन्म लेने वाले थे कि यहाँ कुण्डलपुर के राजा सिद्धार्थ की रानी त्रिशला ने रात्रि के
पिछले प्रहर में सोलह स्वप्न देखे ।
तब स्वर्ग से इन्द्रों आकर गर्भ कल्याणक महोत्सव मनाया।
आर्यिका चंदनामती
Saturday, April 17, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment