
आप भगवान् महावीर का जीवन चरित्र पढ़ रहे हैं। इसमें जन्म कल्याणक का दृश्य दिखाया गया है,अर्थात जब महावीर का जन्म हुआ तो तीनों लोकों में शांति का वातावरण छा गया था।
कुण्डलपुर नगरी में महारानी त्रिशला के पवित्र गर्भ से जन्मे महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाने के लिए स्वर्ग से सौधर्म इंद्र सम्पूर्ण देव परिवार को लेकर मध्य लोक में आ गए । जिन बालक को ऐरावत हाथी पर लेकर इंद्र राज सुमेरु पर्वत पर गए , वहां उन्होंने पांडुक शिला पर उनका क्षीरोदधि के जल से जन्माभिषेक किया। पुनः उनके वीर और वर्धमान ये दो नाम रक्खे।
आर्यिका चंदनामती
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