Friday, November 13, 2009

जिन bhakti

प्रभु गुण सूत्र पिरोय स्रज, विविध वर्ण मय फूल
धरें कंठ उन ज्ञानमति,लक्ष्मी हों अनुकूल
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Thursday, November 12, 2009

अमूल्य वचन

तीर्थंकर गुण रत्न को, गिनत पावें पार
तीन रत्न के हेतु मैं , नमूँ अनंतों बार
गणिनी ज्ञानमती माताजी
हस्तिनापुर -मेरठ ,त्तर प्रदेश -भारत
तीर्थंकर श्री ऋषभ देव महावीर प्रभु को करुँ नमन
उनके पथ पर चलने वाले ,श्री गुरुओं को भी वंदन
ब्राम्ही से चंदनबाला तक ,गणिनी माताओं को नमन
उनकी प्रतिकृति ज्ञानमती जी,स्वीकारो मेरा वंदन
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर ,भारत

Monday, November 9, 2009

सच तो सच्चे गुरु की महिमा , अज्ञानी समझ पाते हैं
ज्ञानी उनको ब्रम्हा एवं विष्णु महेश बतलाते हैं
भगवान् तो ऊपर रहते हैं, गुरु उनका पथ बतलाते हैं
गुरु के पथ चलते वाले , इक दिन ख़ुद गुरु बन जाते हैं॥
आर्यिका चंदना मति माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Saturday, November 7, 2009

Think once!what should I do?
Live and let live
It is the main principle of MAHAVIRA.
The soul is in every creature and they also feel happiness and suffering.
---Aaryika Chandnamati mataji
Jambudweep-Hastinapur--U.P.-INDIA

Friday, November 6, 2009

प्राचीन तीर्थ हस्तिनापुर

हस्तिनागपुर में हुए , श्री कुरुवंश ललाम
नमूँ नमूँ नत शीश मैं , शान्ति कुन्थु अर नाम
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

अमूल्य वचन

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
यह महामंत्र सभी पापों का नाश करता हैअतः इसका प्रतिदिन उच्चारण करके अपने मन को पवित्र करें ,यही मंगल प्रेरणा है
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर