जो वंदे जिन तीर्थ को, बने स्वयं जग तीर्थ।
ज्ञानमती अविचल करें ,लहें निजातम तीर्थ॥   
                                                  गणिनी ज्ञानमती 
                                            जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर 
Tuesday, December 15, 2009
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