जिसे ढूंढता तू फिरता है, मक्का मथुरा काशी ।  
अरे!  तेरे अन्दर बैठा है, वह घट-घट का वासी॥ 
                                                साध्वी  चंदनामती 
                                            जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
Tuesday, December 29, 2009
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