
रानी कंकोदरी ने एक बार अपनी सौत की ईर्ष्या से भगवन की प्रतिमा का अनादर किया , अतः अगले जन्म में वह रानी अंजना की उसे २२ वर्ष तक पति का वियोग सहन करना पडा । 
महानुभावों! इसलिए जीवन में कभी भी जिन प्रतिमा का अपमान नहीं करना चाहिए, सदैव जिनेन्द्र भगवान् के दर्शन , पूजन ,वंदन करके पुण्य का अर्जन करना चाहिए। 
गणिनी ज्ञानमती 
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर 
 
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