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Jai Gyanmati
Tuesday, January 19, 2010
गुरु भक्ति
ब्राम्ही चंदनबाला जैसी छवि जिनमें दिखती रहती । कुंद कुंद गुरुवर सम जिनकी सतत लेखनी है चलती॥
नारी ने भी नर के सदृश बतलाई चर्या यति की। मेरा शत वंदन स्वीकारो गणिनी माता ज्ञानमति॥
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
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