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गुरु भक्ति
ब्राम्ही चंदनबाला जैसी छवि जिनमें दिखती रहती । कुंद कुंद गुरुवर सम जिनकी सतत लेखनी है चलती॥ नारी ने भी नर के सदृश बतलाई चर्या यति की। मेरा शत वंदन स्वीकारो गणिनी माता ज्ञानमति॥ आर्यिका चंदनामती जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
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