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महानुभावों !
आपने भगवान् महावीर के श्रुत तो के बारे में पढ़ रहे हैं,
कि राजा कनकोज्ज्वल मरण करके स्वर्ग में देव हुए ,
वहां से आयु पूर्ण कर अयोध्या नगरी में राजा कि रानी से हरिषेण नाम का पुत्र हुआ ।
वहां मनुष्य गति सुख भोग कर पुनः उनसे वैराग्य हो गया।
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