Thursday, December 31, 2009

जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर में नया वर्ष धूम धाम से मनाया गया ।
आप सभी के लिए हस्तिनापुर आने का आमंत्रण है, पधारें।
कर्म योगी ब्रम्हचारी रवीन्द्र कुमार जैन
अध्यक्ष -जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

नव वर्षाभिनंदन

ईस्वी सन २०१० का नया वर्ष आप सबके लिए मंगलमय होवे, यही मंगल आशीर्वाद है।
आर्यिका चंदनामती

जिनवर भक्ति

प्रभु पद भक्ति प्रसाद से, मिले यही वरदान।
ज्ञानमती निधि पूर्ण हो, मिले अंत निर्वाण॥
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Wednesday, December 30, 2009

आज का विचार

मेरे विचार में किसी व्यक्ति की प्रथम परीक्षा उसकी नम्रता है
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Tuesday, December 29, 2009

अमूल्य वचन

नींव मकान की आधार शिला है
रीढ़ शरीर की आधार शिला है
संस्कार देना है तो बच्चों में दो,
ये देश और समाज की आधार शिला हैं
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

आवश्यक सूचना

वर्ष २००९ के समापन एवं २०१० के प्रारम्भ में जम्बूद्वीप - हस्तिनापुर में पूज्य गणिनी प्रमुख साध्वी श्री ज्ञानमती माताजी के पावन सानिध्य में ३१ दिसंबर को रात्री में संगीत संध्या का आयोजन किया गया हैअतः आप सभी पधार कर अपने नए वर्ष को मंगलमय बनावें
जीवन प्रकाश जैन
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

अमूल्य वचन

जिसे ढूंढता तू फिरता है, मक्का मथुरा काशी
अरे! तेरे अन्दर बैठा है, वह घट-घट का वासी
साध्वी चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Saturday, December 26, 2009

I am a living being. I am able to know and see. I was living,I am living and I will live ,therefore I am a living being. Human,Animal [beasts],birds, worms,trees etc.all are livingbeings.
aaryika Chandnamati
Jambudweep-Hastinapur [Meerut-U.P.]

मंगल स्तुति

जिनने तीन लोक त्रैकालिक ,सकल वस्तु को देख लिया।
लोकालोक प्रकाशी ज्ञानी, युगपत सबको जान लिया॥
राग द्वेष जर मरण भयावह , नही जिनका संस्पर्श करें।
अक्षय सुख पथ के वे नेता, जग में मंगल सदा करें॥१॥
चन्द्र किरण चंदन गंगा जल से भी शीतल जो वाणी।
जन्म मरण भय रोग निवारण करने में है कुशलानी।
सप्त भंग युत स्यादवाद मय, गंगा जगत पवित्र करे।
सबकी पाप धूलि को धोकर ,जग में मंगल नित्य करे॥ २॥
विषय वासना रहित निराम्बर,सकल परिग्रह त्याग दिया।
सब जीवों को अभय दान दे, निर्भय पद को प्राप्त किया।।
भ व समुद्र में पतित जनों को , सच्चे अवलंबन दाता।
वे गुरु वर मम हृदय विराजो, सब जन को मंगल दाता ॥ ३॥
अनंत भ व् के अगणित दुःख से जो जन का उद्धार करे।
इन्द्रिय सुख देकर शिव सुख में ले जाकर जो शीघ्र धरे।।
धर्म वही है तीन रत्न मय त्रिभुवन की सम्पति देवे।
उसके आश्रय से सब जन को, भ व् भ व् में मंगल होवे॥ ४॥
श्री गुरु का उपदेश ग्रहण कर, नित्य ह्रदय में धारें हम।
क्रोध मान मायादिक छोड़ कर , विद्या का फल पावें हम।।
सबसे मैत्री दया क्षमा हो,सबसे वत्सल भाव रहे।
सम्यक ज्ञानमती प्रगटित हो, सकल अमंगल दूर रहे॥ ५॥
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर ,उत्तर प्रदेश [भारत]





Thursday, December 24, 2009

एक प्रेरक कहानी


रानी कंकोदरी ने एक बार अपनी सौत की ईर्ष्या से भगवन की प्रतिमा का अनादर किया , अतः अगले जन्म में वह रानी अंजना की उसे २२ वर्ष तक पति का वियोग सहन करना पडा ।

महानुभावों! इसलिए जीवन में कभी भी जिन प्रतिमा का अपमान नहीं करना चाहिए, सदैव जिनेन्द्र भगवान् के दर्शन , पूजन ,वंदन करके पुण्य का अर्जन करना चाहिए।

गणिनी ज्ञानमती

जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Saturday, December 19, 2009

एक सच्ची कहानी


एक मेंढक अपने मुख में कमल पंखुड़ी लेकर भगवान् महावीर के समवसरण के दर्शन करने चला । मार्ग में वह राजा श्रेणिक के हाथी के पैर के नीचे दब कर मर गया ।

भगवान् की भक्ति के प्रभाव से वह मर कर देव हो गया ,वहाँ उसे याद आते ही सर्व प्रथम वह महावीर के समवसरण में आकर भक्तिपूर्वक नाचने लगा , उसके मुकुट में मेंढक का चिन्ह देखकर राजा श्रेणिक ने गौतम गणधर से उसके बारे में पूछा ।

श्री गौतम स्वामी उन्हें मेंढक की जिनेन्द्र भक्ति के बारे में बताया, तो वहाँ बैठे सभी नर- नारी बहुत प्रभावित हुए और सभी ने भगवान् के दर्शन का नियम लिया।

बंधुओं ! आप भी इस कथानक से शिक्षा लेकर मन्दिर दर्शन का नियम लेकर अपने जीवन को सफल बनावें , यही मंगल प्रेरणा है।

साध्वीचंदनामती

जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Friday, December 18, 2009

परिचय ज्ञानमती माताजी का


पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमति माताजी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी हैं । हस्तिनापुर में उनकी प्रेरणा से अद्वितीय जम्बूद्वीप की रचना बनी है , उसे देखने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं।
चंदनामती [साध्वी ]

जम्बूद्वीप में पधारे । और ११ फरवरी २०१० से २१ फरवरी २०१० तक होने वाले पञ्च कल्याणक में भाग लेवें
रवींद्र जैन [अध्यक्ष- जम्बूद्वीप]

अमूल्य वचन

स्वयं सिद्ध यह द्वीप है, जम्बूद्वीप महान।
सब द्वीपों में है प्रथम ,अनुपम रत्न निधान॥
गणिनी ज्ञानमती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Thursday, December 17, 2009

अमूल्य वचन

प्रभु गुणसूत्र पिरोय स्रज , विविध वर्ण मय फूल।

धरें कंठ उन ज्ञानमति ,लक्ष्मी हो अनुकूल॥

गणिनी ज्ञानमती

Tuesday, December 15, 2009

गुरु भक्ति

ब्राम्ही माता के सदृश, ज्ञानमती जी मात।
सदी बीसवीं की प्रथम, क्वांरी कन्या आप॥
चंद्नामती
हस्तिनापुर

अमूल्य वचन

जो वंदे जिन तीर्थ को, बने स्वयं जग तीर्थ।
ज्ञानमती अविचल करें ,लहें निजातम तीर्थ॥
गणिनी ज्ञानमती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Monday, December 14, 2009

अमूल्य वचन

जम्बूद्वीप की वंदना ,करे विघ्न घन चूर।
सर्व अमंगल दूर कर, भरे सौख्य भर पूर॥
गणिनी ज्ञानमती -जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Friday, December 11, 2009

अमूल्य वचन

प्रभु गुण सूत्र पिरोय स्रज, विविध वर्ण मय फूल।
धरें कंठ उन ज्ञानमति, लक्ष्मी हों अनुकूल॥
गणिनी ज्ञानमती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Tuesday, December 8, 2009

अमूल्य वचन

सबसे बड़ी मूर्ती का , मान्गीतुंगी तीर्थ का, दुनिया में नाम हो रहा है,
मूर्ती का निर्माण हो रहा है-२ ॥
रिषभ देव प्रभु की प्रतिमा ।
बनेगी यह धरा की गरिमा॥
हो प्रतिष्ठा ठाठ से , हम सभी हों साथ में ,सबको यही भान हो रहा है,
मूर्ती का निर्माण हो रहा है ॥ १॥

Wednesday, December 2, 2009

आवश्यक सूचना

जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर में ११ फ़रवरी २०१० से २१ फ़रवरी २०१० तक पञ्च कल्याणक प्रतिष्ठा एवं तीन- तीन तीर्थंकरों का महा मस्तकाभिषेक महोत्सव है , अतः आप उस महोत्सव में सादर आमंत्रित हैं। कृपया अपने आने की सूचना इस फोन नंबर पर दें --
09412708203

Monday, November 30, 2009

गुरु महिमा

सच तो सच्चे गुरु की महिमा,अज्ञानी समझ न पाते हैं।
ज्ञानी उनको ब्रम्हा एवं विष्णू महेश बतलाते हैं॥
भगवान् तो ऊपर रहते हैं ,गुरु उनका पथ बतलाते हैं।
गुरु के पथ पर चलने वाले इक दिन ख़ुद गुरु बन जाते हैं॥
आर्यिका चंदना मति माताजी
जम्बूद्वीप -हस्तिनापुर
जांचें सुरतरु देय सुख, चिंतत चिंता रैन।
बिन जांचें चिन्तये ,धर्म सकल सुख देन॥
गणिनी ज्ञानमति माताजी
जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर

Thursday, November 19, 2009

आवश्यक समाचार

आप सभी लोग प्रतिदिन इस मन्त्र का जाप अवश्य करें-
ॐ ह्रीं विश्व शान्तिकारक श्री शान्तिनाथ जिनेन्द्राय नमः
इसके द्वारा संपूर्ण विश्व में शान्ति की स्थापना होवे यही मंगल कामना है ।
ganinee Gyanmati Mataji
Jmbudweep- Hastinapur ,INDIA

Wednesday, November 18, 2009

जीवन्धर कुमार नामके एक राजकुमार ने मरते हुए कुत्ते को णमोकार मंत्र सुनाया थाजिसके फलस्वरूप वह कुत्ता मर कर देव बन गया, पुनः वहाँ से आकर उसने जीवन्धर कुमार को नमस्कार किया और सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहा
एसो पञ्च नमस्कारो, सव्व पावप्पनासनो
मंगलाणं सव्वेसिं, पढमं हवइं मंगलं
अर्थात यह णमोकार मन्त्र सभी पापों का नाश करने वाला है, और सभी मंगलों में पहला मंगल है
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

अमूल्य वचन

चिंतामणि जिन्मूर्तियाँ , चिंतित फल दातार
चिच्चैतन्य जिनेन्द्र को, नमूँ नमूँ शत बार
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Friday, November 13, 2009

जिन bhakti

प्रभु गुण सूत्र पिरोय स्रज, विविध वर्ण मय फूल
धरें कंठ उन ज्ञानमति,लक्ष्मी हों अनुकूल
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Thursday, November 12, 2009

अमूल्य वचन

तीर्थंकर गुण रत्न को, गिनत पावें पार
तीन रत्न के हेतु मैं , नमूँ अनंतों बार
गणिनी ज्ञानमती माताजी
हस्तिनापुर -मेरठ ,त्तर प्रदेश -भारत
तीर्थंकर श्री ऋषभ देव महावीर प्रभु को करुँ नमन
उनके पथ पर चलने वाले ,श्री गुरुओं को भी वंदन
ब्राम्ही से चंदनबाला तक ,गणिनी माताओं को नमन
उनकी प्रतिकृति ज्ञानमती जी,स्वीकारो मेरा वंदन
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर ,भारत

Monday, November 9, 2009

सच तो सच्चे गुरु की महिमा , अज्ञानी समझ पाते हैं
ज्ञानी उनको ब्रम्हा एवं विष्णु महेश बतलाते हैं
भगवान् तो ऊपर रहते हैं, गुरु उनका पथ बतलाते हैं
गुरु के पथ चलते वाले , इक दिन ख़ुद गुरु बन जाते हैं॥
आर्यिका चंदना मति माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Saturday, November 7, 2009

Think once!what should I do?
Live and let live
It is the main principle of MAHAVIRA.
The soul is in every creature and they also feel happiness and suffering.
---Aaryika Chandnamati mataji
Jambudweep-Hastinapur--U.P.-INDIA

Friday, November 6, 2009

प्राचीन तीर्थ हस्तिनापुर

हस्तिनागपुर में हुए , श्री कुरुवंश ललाम
नमूँ नमूँ नत शीश मैं , शान्ति कुन्थु अर नाम
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

अमूल्य वचन

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
यह महामंत्र सभी पापों का नाश करता हैअतः इसका प्रतिदिन उच्चारण करके अपने मन को पवित्र करें ,यही मंगल प्रेरणा है
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Saturday, October 31, 2009

इस युग की माँ शारदे ,तू धर्म की प्राण है
ज्ञानमती नाम है, ज्ञान की तू खान है, चारित्र परिधान है
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
मंगलम् शन्तिनाथोर्हन ,कुन्थुनाथोस्तु मंगलम्
मंगलम् अरनाथोपी ,जन्मभूमिश्च मंगलम्
गणिनी ज्ञानमती
जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर

Thursday, October 29, 2009

नित्य निरंजन देव ,अखिल अमंगल को हरे।

नित्य करुँ मैं सेव , मेरे कर्मांजन हरें ॥

गणिनी ज्ञानमती

जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर

शान्ति कुन्थु अ़रनाथ को, नमन करूँ शत बार ।

हस्तिनागपुर में हुवे ,तीनों के अवतार ॥

आर्यिका चंद्नामती

Wednesday, October 28, 2009

पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का जन्म २२ अक्टूबर १९३४ -शरद पूर्णिमा की रात्री ९-१५ बजे हुआ था उनके 7६वे जयन्ती के अवसरजन्म पर हम सभी विनायांजली समर्पित करते हैं ।

रवींद्र जैन

परम अहिंसा धर्म को, जो धारें धर प्रीति।
आत्यंतिक सुख शान्ति ले,यही जिनागम रीति॥
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
please visit us- www.jambudweep.org

गुरु भक्ति की महिमा

सच तो सच्चे गुरु की महिमा ,अज्ञानी समझ न पाते हैं।
ज्ञानी उनको ब्रम्हा एवं , विष्णू महेश बतलाते हैं॥
भगवान् तो ऊपर रहते हैं, गुरु उनका पथ बतलाते हैं।
गुरु के पथ पर चलने वाले इक दिन ख़ुद गुरु बन जाते हैं॥
आर्यिका माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

पावन संदेश

हस्तिनापुर तीर्थ प्राचीन काल से तीर्थंकर आदि महापुरुषों की जन्म भूमि के रूप में पवित्र रहा है। यहाँ भगवान् शांतिनाथ -कुंथुनाथ -अरहनाथ के चार -चार कल्याणक हुए हैं । इसके दर्शन करके अपनी आत्मा को पवित्र बनाएं यही प्रेरणा और मंगल आशीर्वाद है।
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Sunday, October 25, 2009

प्रभु पद भक्ति प्रसाद से, मिले यही वरदान
'' ज्ञानमती ''निधि पूर्ण हो, मिले अंत निर्वाण
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बुद्वीप- हस्तिनापुर [मेरठ -उत्तर प्रदेश ]
महानुभावों! प्रतिदिन प्रातःकाल कम से कम १० मिनट आत्मा का ध्यान अवश्य करेंइससे आत्मा पवित्र होगी और शारीरिक स्वस्थता मिलेगीजैसे शरीर के लिए भोजन आवश्यक है वैसे ही आत्मा के लिए ध्यान और प्रभु भक्ति आवश्यक हैआपका जीवन मंगल मय होवे ,यही शुभाशीर्वाद है
आर्यिका चंदनामती
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Saturday, October 24, 2009

स्वयंसिद्ध यह द्वीप है, जम्बूद्वीप महान
सब द्वीपों में है प्रथम, अनुपम रत्न निधान
गणिनी ज्ञानमती माताजी
गनिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी हैं , उनके आशीर्वाद के लिए जम्बूद्वीप पधारें और जम्बूद्वीप वेबसाइट पर उनके लाइव प्रवचन प्रातः ६.३० सुन सकते हैं ।
रवींद्र जैन

Friday, October 23, 2009

विचार

गुण अनंत मंडित प्रभो ! करो ह्रदय में वास
केवल "ज्ञानमती "मिले ,जो अनंत गुण राशि १॥
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर

Thursday, October 22, 2009

जिनके उर में कल कल बहती , गंगा की निर्मल धारा ।
त्याग और शुभ ज्ञानमणि से , जिनने निज को श्रंगारा ॥
वचनों के मोती बिखरातीं ,युग की पहली बाल सती ।
मेरा शत वंदन स्वीकारो , गणिनी माता ज्ञानमती ॥
----आर्यिका चंदनामती ,
जम्बूद्वीप -हस्तिनापुर -भारत
चतुर्मुखी ब्रम्हा तुम्ही ,ज्ञान व्याप्त जग विष्णु ।
देवों के भी देव हो ,महादेव अरि जिष्णु ॥
गणिनी ज्ञानमती माताजी

Tuesday, October 20, 2009

तीर्थंकर गुण रत्न को , गिनत न पावे पार ।
तीन रतन के हेतु मैं , नमूँ अनंतों बार ॥

भगवान् जिनेन्द्र की भक्ति सभी कार्यों की सिद्धि होती है ,अतः भक्ति करते हुए अपने मनुष्य जन्म को सार्थक करें यही मंगल आशीर्वाद है --गणिनी ज्ञानमती माताजी ,जम्बुद्वीप, हस्तिनापुर
प्रिय बंधुओं!
आप सभी गुरुओं की भक्ति करते हुए अपना जीवन सफल करे यही मंगल प्रेरणा है !
आर्यिका चंदना मती ,जम्बूद्वीप -हस्तिनापुर

Wednesday, October 14, 2009

१९ अक्टूबर २००९ ,कार्तिक शुक्ला एकम सोमवार को वीर निर्वाण संवत २५३६ का प्रथम दिवस है । यह नया वर्ष आप सबके लिए मंगल मयी होवे ,यही मंगल आशीर्वाद है । ----गणिनी ज्ञानमती माताजी ,जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
मेरठ -भारत
नया साल आया है वंदन कर लो , वंदन कर लो ,अभिनन्दन कर लो ।
यह वीर संवत प्राचीन है , महावीर प्रभू की देन है ॥ नया साल आया है० ॥
वीर निर्वाण संवत २५३६वा आप सबके लिए मंगल मय होवे ---गणिनी ज्ञानमती माताजी ,
जम्बूद्वीप - हस्तिनापुर ,मेरठ -उ.प्र।

Sunday, October 11, 2009

णमो अरिहंताणंणमो सिद्धाणंणमो आयरियाणंणमो उवज्झायाणंणमो लोए सव्वसाहूणं
जय ज्ञानमती
ज्ञानमती को नित नमूँ, ज्ञान कलि खिल जाय. ज्ञान ज्योति की चमक में ,जीवन मम मिल जाय.